झारखण्ड किस लिए प्रसिद्ध हैं ?

Why is the Jharkhand famous for ? ||  झारखण्ड किस लिए प्रसिद्ध हैं ? 

तो चलिए झारखण्ड के इन प्रसिद्ध स्थलों को जानते हैं जो इस राज्य को देश में अलग स्थान प्रदान करता हैं  ----

  • नेतरहाट :-
  • बैद्यनाथ धाम :-
  • सारंडा जंगल :-
  • सम्मेद शिखर :-
  • मलूटी :-
  • आंजनग्राम :- 
  • नवरतनगढ़ किला :-
  • हुंडरू फॉल :-
  • टैगोर हिल :-
  • पतरातू वैली :-
  • बेतला नेशनल पार्क :-
  • त्रिकूट पहाड़ :-
  • सूर्य मंदिर :-
  • देउड़ी मंदिर :-
  • गोबर सिल्ली :-
  • रामरेखा धाम :- 

नेतरहाट :- 

Why is Netarhat famous ? " नेतरहाट क्यों प्रसिद्ध हैं ?"


  • नेतरहाट झारखण्ड के सुप्रसिद्ध स्थलों में से एक हैं। 
  • इसे छोटानागपुर की मल्लिका या छोटानागपुर की रानी कहा जाता हैं। 
  • यह लातेहार जिले के महुआडाड़ ब्लॉक में स्थित हैं। 
  • यह झारखण्ड राज्य का सबसे ठंडा स्थल भी हैं। 
  • नेतरहाट लगभग 1127 मीटर की ऊंचाई पर स्थित  हैं। 
  • झारखण्ड का प्रसिद्ध विद्यालय "नेतरहाट आवासीय विद्यालय " भी नेतरहाट में ही स्थित हैं। इस विद्यालय ने 2014 में सभी का ध्यान अपनी और खींचा जब 10 वीं के बोर्ड परीक्षा में TOP - 10 छात्र सभी इसी स्कूल से चुने गए। 


बैद्यनाथ धाम :-

Is Baidyanath in 12 Jyotirlinga ? क्या बैद्यनाथ 12 ज्योतिर्लिंग में हैं ? 

What is Baidyanath Dham famous for ? बैद्यनाथ धाम किस लिए प्रसिद्ध हैं ?



  • यह झारखण्ड के साथ - साथ पूरे भारत के प्रसिद्ध स्थलों में से एक हैं क्योंकि यह भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक यहां स्थित हैं। 
  • यह मनोकामना लिंग के नाम से जाना जाता हैं। 
  • बैद्यनाथ धाम झारखण्ड के देवघर जिले में स्थित हैं।
  • देवघर को मंदिरों का शहर के नाम से भी जाना जाता हैं। 
  • इस ज्योतिर्लिंग की विशेष बात यह हैं की यहाँ भगवान शिव के साथ माता पार्वती भी विराजमान हैं। 
  • यहाँ पहुँचने के लिए वर्तमान में सड़क, रेल और हवाईजहाज ये तीनों माध्यम उपलब्ध हैं। 
  • सावन में यहाँ प्रसिद्ध मेला "श्रावणी मेला" का आयोजन किया जाता हैं जहां देश - विदेश से श्रद्धालु यहाँ जल चढ़ाने के लिए आते हैं। 


सारंडा वन :-

Why is Saranda forest famous ? सारंडा वन क्यों प्रसिद्ध हैं ?

Which is the largest forest in jharkhand? झारखण्ड का सबसे बड़ा जंगल कौन सा हैं ?


  • यह झारखण्ड के सबसे बड़ा वन हैं। 
  • यह झारखण्ड के पश्चिमी सिंघभूम जिले में स्थित हैं। 
  • यह वन राज्य के लगभग 820 वर्ग किलों मीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ हैं। 
  • पश्चिमी सिंघभूम, वन के साथ - साथ खनिज सम्पदा से भी संपन्न क्षेत्र हैं जहाँ चिरिया और नोवामुंडी जैसे प्रसिद्ध खदान स्थित हैं। 
  • नोवामुंडी, एशिया की सबसे बड़ी लोहे की खान हैं। 
  • सारंडा का स्थानीय भाषा में शाब्दिक अर्थ होता हैं 700 पहाड़ियाँ। 


सम्मेद शिखर :-

How many steps does it take to climb shikharji ?


  • पारसनाथ पहाड़ी के सबसे ऊँचे शिखर को सम्मेद शिखर कहाँ जाता हैं। 
  • यह राज्य के गिरिडीह जिले में स्थित हैं। 
  • इसकी ऊँचाई लगभग 1365 मीटर "या 4480 फ़ीट" हैं। 
  • यह झारखण्ड राज्य का सबसे ऊँचा स्थल हैं। 
  • इसका नाम जैन धर्म के 23  वें तीर्थकर पार्श्वनाथ नाम पर रखा गया हैं। 
  • यहाँ सबसे ऊँचे शिखर तक पहुंचने के लिए 12 हज़ार Steps चढ़नी पड़ती हैं ?



मलूटी :-

Why is maluti temple famous ? "मलूटी मंदिर क्यों प्रसिद्ध हैं ?"

Which place is known as the village of temples ? किस स्थान को मंदिरों का गांव कहा जाता हैं ?


  • मलूटी को "मंदिरों का गाँव" कहा जाता  हैं। 
  • मलूटी, दुमका जिले में स्थित हैं। 
  • यहाँ अनेक पौराणिक मंदिर हैं जिसे पाल वंशों द्वारा बनवाया गया था। 
  • यहाँ करीब 72 पुराने मंदिर स्थित हैं। 


आँजन ग्राम :-

आँजन ग्राम कहा स्थित हैं ?


  • इस स्थान को भगवान हनुमान का जन्म स्थान माना जाता हैं। 
  • आँजन ग्राम गुमला जिले में स्थित हैं। 
  • यहां अंजना माता का मंदिर हैं जो पहाड़ की एक गुफा पर स्थित हैं। 
  • यह गुमला शहर से लगभग 17 किलो मीटर के दूरी पर स्थित हैं। 
  • यह प्रमुख पर्यटन केंद्र में से एक हैं। 


नवरतनगढ़ किला :-

Who built the Navratangarh Fort ? नवरतनगढ़ का किला किसने बनवाया था ?


  • इस किले का निर्माण नागवंशी शासक दुर्जन शाह ने करवाया था। 
  • यह किला लगभग 400 साल पुराना माना जाता हैं। इसका निर्माण वर्ष 1627 - 28 के आसपास हुआ था। 
  • यह गुमला जिले के सिसई ब्लॉक में स्थित हैं। 
  • केंद्र सरकार ने यहाँ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 2023 में फंड जारी किया हैं। 
  • झारखण्ड में क्षेत्रीय राजवंशों में सबसे ज्यादा समय तक नाग वंश ने ही शासन किया हैं। 
  • प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के ''मन की बात'' के 100 वें कार्यक्रम में इसका उल्लेख किया गया था। 


हुंडरू फॉल :-

On which river is the Hundru falls? हुंडरू फॉल किस नदी पर हैं ?

Which is the highest waterfall in jharkhand ? झारखण्ड का सबसे ऊँचा  वाटर फॉल सा हैं ?


  • वैसे तो झारखण्ड का सबसे ऊँचा जलप्रपात लोध जलप्रपात हैं परन्तु बरसाती नदियों पर निर्भर होने के कारण यहाँ वर्ष भर पानी नहीं रहता इस कारण हुंडरू फॉल को भी झारखण्ड का सबसे ऊँचा जलप्रपात के नाम से भी जाना जाता हैं। 
  • यह रांची से 45 किलो मीटर की दूरी पर स्थित हैं। 
  • हुंडरू फॉल स्वर्णरेखा नदी पर स्थित हैं। 
  • इसकी ऊंचाई 74 मीटर हैं। 


टैगोर हिल :-

Why is Tagore hill famous ? "टैगोर हिल क्यों प्रसिद्ध हैं ?"


  • यह रांची में स्थित एक प्रसिद्ध पहाड़ हैं। 
  • यह रांची के अल्बर्ट एक्का चौक से लगभग 3 किलो मीटर की दूरी पर स्थित हैं। 
  • पहाड़ी के ऊपरी भाग में रामकृष्ण मिशन आश्रम स्थित हैं। 
  • टैगोर हिल से रांची के मोराबादी मैदान का सुन्दर दृश्य देखा जा सकता हैं। 
  • सूर्योदय व सूर्यास्त का सुन्दर दृश्य यह पर्यटक का अपनी ओर आकर्षित करता हैं। 


पतरातू वैली :-

Why is Patratu valley is famous for? "पतरातू घाटी क्यों प्रसिद्ध हैं ?

Which district Patratu valley in Jharkhand? "पतरातू  वैली  किस जिले में हैं ?


  • रांची से 30 किलो मीटर दूर रामगढ़ जिले में स्थित यह एक प्रसिद्ध घाटी हैं जो रांची से रामगढ़ जाने के मार्ग में स्थित हैं। 
  • यहाँ पहाड़ो पर बने घुमावदार रास्ते लोगो के आकर्षण का केंद्र बनते हैं 
  • यह हर साल लाखों लोग इस घाटी को देखने तथा घाटी के पास स्थित झील में नौका विहार करने आते हैं। 


बेतला राष्ट्रीय उद्यान :-

What is Betla National Park famous for? "बेतला नेशनल पार्क क्यों प्रसिद्ध हैं ?

Betla National Park is established in which year? बेतला नेशनल पार्क की स्थापना कब  से हुई हैं ?


  • यह झारखण्ड का एक मात्र राष्ट्रीय उद्यान हैं जो लातेहार जिले में स्थित हैं। 
  • बेतला राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1986  में की गयी। 
  • यह उद्यान बाघों के लिए प्रसिद्ध हैं और 1973 से यहाँ  प्रोजेक्ट टाइगर चल रहा हैं। 


त्रिकूट पहाड़ी :-

त्रिकूट पहाड़ क्यों प्रसिद्ध हैं ?


  • यह देवघर में स्थित एक प्रमुख पहाड़ी हैं। 
  • झारखण्ड के मयूराक्षी नदी का उद्गम त्रिकूट पहाड़ी से हुआ हैं। 
  • यह देवघर शहर से लगभग 18 किलो मीटर की दूरी पर स्थित हैं। 
  • यहाँ पर्यटकों के लिए पहाड़ के शीर्ष तक पहुंचने के लिए रोपवे की सुविधा भी उपलब्ध हैं परन्तु 2022 के रोपवे हादसे में 3 लोगों की मृत्यु के बाद से इसे बंद कर दिया गया। 


सूर्य मंदिर :-

झारखण्ड का सूर्य मंदिर क्यों प्रसिद्ध हैं ?


  • झारखण्ड का एक मात्र सूर्य मंदिर हैं जो रांची के बुंडू प्रखंड में स्थित हैं। 
  • यह मंदिर पहाड़ के शीर्ष पर होने  कारण इसे दूर से देखा जा सकता हैं। 
  • मकरसंक्रांति के दिन इस जगह में प्रसिद्ध मेले का आयोजन किया जाता हैं जिसे टुसु मेला भी कहा जाता हैं। 


देउड़ी मंदिर :-

झारखण्ड में देवड़ी मंदिर कहा हैं ? 

झारखण्ड में देउड़ी मंदिर क्यों प्रसिद्ध हैं ?


  • यह मंदिर रांची शहर से लगभग 60 किलो मीटर दूर तमाड़ में स्थित हैं। 
  • यहाँ 700 साल पुरानी माँ दुर्गा की मूर्ति स्थित हैं। 
  • आदिवासी समुदाय माँ दुर्गा को माँ देउड़ी के नाम से संबोधित करती है। 
  • यहाँ मान्यता हैं कि लोग लाल धागा बांध कर अपनी मन्नत मांगते हैं और मन्नत पूरी होने के बाद उसे आकर खोल देते हैं। 
  • यहाँ पुजारी के रूप में पहान पुजा संपन्न करता हैं। 


गोबर सिल्ली :-

गोबर सिल्ली क्यों प्रसिद्ध हैं ?


  • गोबर सिल्ली गुमला जिले के पालकोट ब्लॉक में स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं। 
  • यहाँ बड़े से पत्थर के ऊपर कई बड़े पत्थर स्थित हैं जो  लोगो के लिए बेहद ही आश्चर्य और आकर्षण का केंद्र बनता हैं। 
  • वर्तमान में इसे एक अच्छे पर्यटन स्थल के रूप में जिला प्रशासन द्वारा व्यवस्थित करने का प्रयास किया जा रहा हैं। 


रामरेखा धाम :-

रामरेखा धाम क्यों प्रसिद्ध हैं ?

रामरेखा मेला कहा लगता हैं ?


  • रामरेखा धाम सिमडेगा जिले में स्थित हैं। 
  • रामरेखा धाम सिमडेगा से 26 किलो मीटर तथा रांची से लगभग 185 किलो मीटर की दूरी पर स्थित हैं। 
  • इस स्थान के प्रसिद्ध होने का कारण यह हैं की रामायण काल के समय भगवान राम ,सीता व लक्ष्मण अपने 14 वर्ष के वनवास के दौरान यहाँ रुके थे। 
  • रामायण काल के कई साक्ष्य आज भी वहां देखे जा सकते हैं। 
  • यहाँ हर साल कार्तिक पूर्णिमा के समय बहुत विशाल रामरेखा मेला का आयोजन किया जाता हैं। 
  • यहाँ के सभी मंदिर पहाड़ के गुफाओं में स्थित हैं। 


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