बीमारी क्या होती हैं ? ( What is the Disease ? )
बीमारी , मनुष्य के शरीर की एक अवस्था ( State ) हैं जहाँ मनुष्य के शरीर या शरीर के किसी अंगो में कुछ बदलाव दिखाई देते हैं , इन बदलाव को लक्षण ( Symptoms ) कहा जाता हैं और यह लक्षण इस बात की ओर इशारा करती हैं की उस मनुष्य के शरीर में कोई बीमारी हैं।
बीमारियों के प्रकार Types of Disease -
हमारे शरीर में होने वाली बीमारियों को समय या अवधि के अनुसार दो भागों में बांटा गया हैं।
- पहला - तीव्र रोग ( Acute Disease )
- दूसरा - दीर्घकालीन रोग ( Chronic Disease )
जो बीमारियां मनुष्य को कम समय के लिए होती हैं अर्थात जो बीमारियां मनुष्य को कुछ दिनों या कुछ हफ्तों के लिए होती हैं उन्हें तीव्र रोग ( Acute Disease ) कहा जाता हैं। उदाहरण - सर्दी , जुकाम, खासी , बुखार , शरीर का दर्द , आँखों का इन्फेक्शन आदि।
जबकि जो बीमारियां मनुष्य को लंबे समय के लिए होती हैं अर्थात जो बीमारियां मनुष्य को कई महीनों, कई सालों या पूरी जिंदगी के लिए होती हैं उन्हें दीर्घकालीन रोग ( Chronic Disease ) कहा जाता हैं। उदाहरण - कैंसर , क्षय रोग , दिल से सम्बंधित बीमारी , किडनी से सम्बंधित बीमारी , AIDS आदि।
बीमारियों के कारण Causes of Disease -
किसी मनुष्य के बीमार होने के बहुत से कारण हो सकते हैं जैसे उनका खानपान , रहन -सहन और उनकी जीवन चर्या। कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार हैं -
- गंदा पानी पीने के कारण
- दूषित भोजन खाने के कारण
- पोषण रहित भोजन करने के कारण
- विटामिन की कमी के कारण
- किसी रोग से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के कारण
संक्रामक रोग Infectious Disease -
वे रोग जो किसी रोगाणुओं ( Microbes ) के कारण होते हैं उन्हें संक्रामक रोग कहा जाता हैं।
यह दो प्रकार के होते हैं।
- पहला - संचारी रोग ( Communicable Disease )
- दूसरा - गैर संचारी रोग ( Non-Communicable Disease )
संचारी रोग ऐसे रोग होते हैं जो एक आदमी से दूसरे आदमी तक सीधे फैलते हैं अर्थात इसे एक इंसान से दूसरे इंसान तक फैलने के लिए किसी वाहक ( Vector ) की जरुरत नहीं होती हैं। उदाहरण - सर्दी जुकाम , क्षय रोग , चेचक , कॉलरा आदि।
गैर संचारी रोग ऐसे रोग होते हैं जो एक आदमी से दूसरे आदमी तक सीधे नहीं फैलते हैं अर्थात इसे एक इंसान से दूसरे इंसान तक फैलने के लिए किसी वाहक ( Vector ) की जरुरत होती हैं ये वाहक हैं मच्छर , मक्खी आदि। उदाहरण - मलेरिया , डेंगू , टाइफोइड आदि।
असंक्रामक रोग Non-Infectious Disease -
- वे रोग जो रोगाणुओं के कारण नहीं होते हैं। उन्हें असंक्रामक रोग कहा जाता हैं।
- इस प्रकार के रोग मनुष्यों में किसी अंग या कोशिका में किसी प्रकार की विकार या काम करना बंद कर देने के कारण होती हैं।
- उदाहरण - कैंसर , मधुमेय , उच्च रक्तचाप आदि।
रोगाणु क्या होते हैं ? What is the Microbes ?
- जिसके कारण किसी मनुष्य के शरीर में कोई रोग होता हैं तो उस रोग के कारक को रोगाणु कहा जाता हैं।
- रोगाणु अनेक प्रकार के होते हैं।
रोगाणुओं के प्रकार -
जीवाणु से होने वाली बीमारियाँ -
जीवाणु एक कोशिकीय जीव होते हैं जिनके पास विकसित केंद्रक नहीं होता हैं। यह काफी पुराने कोशिका माने जाते हैं जिनकी उत्पत्ति धरती में सबसे पहले हुई हैं।
मनुष्यों में होने वाली बीमारियाँ और उनके कारक -
- कॉलेरा Cholera - Varibrio Cholerae
- निमोनिया Pneumonia - Diplococcus pneumoniae
- प्लेग Plague - Yersinia pestis
- टाइफाइड Typhoid - Salmonella typhi
- क्षय Tuberculasis - Mycobacterium tuberculosis
- टिटनेस Tetanus - Clostidium tetani
मनुष्यों में होने वाली बीमारियाँ और उससे प्रभावित अंग -
- कॉलेरा Cholera - आंत्र ( Intestine )
- निमोनिया Pneumonia - फेफड़ा ( Lungs )
- प्लेग Plague - फेफड़ा ( Lungs )
- टाइफाइड Typhoid - आंत्र ( Intestine )
- क्षय Tuberculasis - फेफड़ा ( Lungs )
- टिटनेस Tetanus - तंत्रिका ( Nerve )
विषाणु से होने वाले रोग -
- चेचक Chicken pox - Variola
- डेंगू Dengue - Arbo
- पोलियो Polio - Polio
- रेबिस Rabies - Rhabdo
- जॉन्डिस Jaundice - Hepatitis
- AIDS - HIV
मनुष्यों में होने वाली बीमारियाँ और उससे प्रभावित अंग -
- चेचक Chicken pox - सम्पूर्ण शरीर All Body
- डेंगू Dengue - सम्पूर्ण शरीर All Body
- पोलियो Polio - मस्तिष्क Spinal Cord
- रेबिस Rabies - तंत्रिका Nerve System
- जॉन्डिस Jaundice - यकृत Liver
- AIDS - प्रतिरक्षा तंत्र Immune System
बीमारियों से कैसे बचें ? How to avoid Disease -
बीमारियों से बचने के दो तरीके हैं पहला उपचार करके और दूसरा बीमारी को रोक कर।
उपचार का सिद्धांत Principle of Treatment -
- पहला सिद्धांत यदि कोई व्यक्ति बीमार हैं तो उस पर लागू होता हैं।
- इस सिद्धांत के अनुसार - यदि कोई व्यक्ति बीमार हैं तो उसका उपचार दो तरीकों से किया जाता हैं , सबसे पहले उस बीमारी के प्रभाव को कम किया जाता हैं जैसे - बुखार , दर्द आदि। फिर उस बीमारी के कारण को दवाइयों के द्वारा खत्म किया जाता हैं।
रोकथाम का सिद्धांत Principle of Prevention -
- दूसरा नियम श्वस्थ व्यक्ति पर लागू होता हैं।
- इस सिद्धांत के अनुसार - यदि किसी श्वस्थ व्यक्ति को किसी बीमारी से बचाना हैं तो उसे उस बीमारी का टीका लगा दिया जाता हैं जिससे भविष्य में उस व्यक्ति को वह बीमारी नहीं होती हैं। इस क्रिया को टीकाकरण कहा जाता हैं।
महत्वपूर्ण तथ्य -
- पोलियो के टीके की खोज किसने की थी - जोनस साल्क Jonas Salk
- पोलियो के ड्रॉप की खोज किसने की थी - अल्बर्ट सेबिन Albert Sabin
- चेचक के टीके की खोज किसने की थी - एडवर्ड जेनर ने Edward Jenner
- पेनिसिलिन की खोज किसके द्वारा की गयी थी - एलेग्जेंडर फ्लेमिंग Alexander Fleming
- विषाणु के अध्ययन के विज्ञान को कहा जाता हैं - विषाणु विज्ञान Virology
- कौन सी बीमारियाँ मच्छरों से फैलती हैं - मलेरिया , डेंगू , दिमागी बुखार।
- AIDS का full form होता हैं - Acquired Immune Deficiency Syndrome
- ब्रेक बोन बुखार किसे कहा जाता हैं - डेंगू Dengue
- पीलिया रोग शरीर के किस अंग को प्रभावित करते हैं - यकृत Liver
- निमोनिया रोग शरीर के किस अंग को प्रभावित करता हैं - फेफड़ा Lungs
- त्वचा से सम्बंधित बीमारी कौन सी हैं - एक्ने Acne
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