किसी भी देश या राज्य के क्षेत्र तथा उस क्षेत्र के लोगों के बारे में जानने के लिए जनगणना रिपोर्ट बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। देश में एक निश्चित समय अंतराल के बाद जनगणना का कार्य किया जाता हैं जिससे उस क्षेत्र की सटीक जानकारी उस देश की सरकार के पास मौजूद हो और वह उस क्षेत्र के लिए योजनाए बना सके।
भारत में जनगणना की शुरुआत वर्ष 1872 से ही शुरू किया गया था उस समय भारत के वायसराय लार्ड मेयो थे। वर्ष 1872 से अब तक भारत में 15 बार जनगणना का कार्यक्रम किया जा चुका हैं।
मुख्य बिंदु :- . . . यहाँ झारखण्ड राज्य के क्षेत्रफल , जनसँख्या , जनघनत्व , राज्य का लिंगानुपात , साक्षरता दर , दशकीय वृद्धि दर , ग्रामीण एवं शहरी जनसँख्या और अनुसूचित जाति तथा जनजाति जनसँख्या के आकड़ो का विविरण दर्शाया गया हैं।
झारखण्ड राज्य का क्षेत्रफल :-
- झारखण्ड राज्य का क्षेत्रफल 79,714 वर्ग किलोमीटर हैं।
- झारखण्ड राज्य का उत्तर से दक्षिण की लम्बाई 380 किलोमीटर हैं।
- झारखण्ड राज्य का पूरब से पश्चिम की कुल लम्बाई 463 किलो.मीटर हैं।
- झारखण्ड राज्य भारत-देश के कुल क्षेत्रफल का 2.42 % प्रतिशत हैं
- क्षेत्रफल के दृष्टि से झारखण्ड का सबसे बड़ा जिला हैं -
- क्षेत्रफल की दृष्टि से झारखण्ड के सबसे छोटे जिलें हैं -
- क्षेत्रफल के अनुसार झारखण्ड , देश का सोलहवाँ (16) बड़ा राज्य हैं।
- झारखण्ड 15 नवंबर 2000 को बिहार से अलग हुआ और बिहार के 45 % क्षेत्रफल को अलग करके झारखण्ड राज्य का निर्माण किया गया।
झारखण्ड राज्य की जनसँख्या :-
- झारखण्ड राज्य में 2011 के अनुसार जनसँख्या तीन करोड़ उन्नतीस लाख हैं। (32988134 )
- भारत देश की कुल जनसँख्या का 2.72 % हैं।
- झारखण्ड में सबसे ज्यादा जनसँख्या वाले जिलें -
- झारखण्ड का सबसे कम जनसंख्या वाला जिला -
- जनसँख्या की दृष्टि से झारखण्ड , भारत का 14 वां सबसे ज्यादा जनसँख्या वाला राज्य हैं।
झारखण्ड राज्य का जनघनत्व :-
- झारखण्ड राज्य का जनघनत्व, ( 414 ) व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर हैं।
- झारखण्ड में सबसे अधिक जनघनत्व वाले जिलें -
- झारखण्ड का सबसे कम जनघनत्व वाला जिला -
- जनघनत्व के अनुसार झारखण्ड , देश का 14 वां प्राप्त करता हैं।
- केवल भारत के राज्यों की बात करे तो झारखण्ड का स्थान आठवाँ हैं और राज्य + संघ राज्य की बात करे तो झारखण्ड का स्थान 14 वां हैं।
- झारखण्ड राज्य की जनसंख्या अधिक होने के कारण यहाँ का जनघनत्व भी काफी अधिक हैं।
झारखण्ड राज्य में लिंगानुपात :-
- झारखण्ड राज्य का लिंगानुपात 1000 पुरुषों में 949 महिलाएं हैं।
- झारखण्ड में सबसे अधिक लिंगानुपात वाला जिला -
- झारखण्ड में सबसे कम लिंगानुपात वाले जिलें -
- लिंगानुपात की दृष्टि से झारखण्ड का स्थान देश में 18 वां हैं।
- आदिवासी बाहुल राज्य होने के कारण यहाँ का लिंगानुपात अन्य राज्यों से बेहतर हैं।
झारखण्ड राज्य में साक्षरता दर :-
- झारखण्ड राज्य की साक्षरता दर 66.4 % हैं।
- झारखण्ड राज्य का सबसे शिक्षित जिला -
- झारखण्ड राज्य में सबसे कम शिक्षित जिला -
- झारखण्ड राज्य के पुरुषों का साक्षरता दर 76 % हैं।
- झारखण्ड राज्य के महिलाओं की साक्षरता दर 55 % हैं।
- साक्षरता दर के अनुसार झारखण्ड का स्थान भारत में 32 वां हैं।
- शिक्षा की दृष्टि से झारखण्ड राज्य को काफी पिछड़े राज्यों में गिना जाता हैं क्योंकि यहाँ की भौगोलिक स्थिति ही यहाँ के विकास की बाधा साबित होती हैं पठारीय , वन और पर्वतीय क्षेत्र होने के कारण यहाँ कोई भी विकास कार्य तेजी से कर पाना काफी चुनौती पूर्ण होता हैं। झारखण्ड में शिक्षा में कमी की सबसे बड़ी वजह यहाँ स्कूल और शिक्षक की कमी हैं इसी सीमित शिक्षण संस्थान तथा शिक्षक होने के कारण सभी लोगों को बराबर शिक्षा नहीं मिल पाती।
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झारखण्ड राज्य का दशकीय वृद्धि दर :-
- झारखण्ड राज्य का दशकीय वृद्धि दर 22.42 % हैं।
- झारखण्ड राज्य में सबसे ज्यादा दशकीय वृद्धि दर कोडरमा , चतरा और गिरिडीह में हैं।
- झारखण्ड राज्य में सबसे कम दशकीय वृद्धि दर धनबाद , पूर्वी सिंहभूम और बोकारो में हैं।
- दशकीय वृद्धि दर की दृष्टि से झारखण्ड भारत का 10 वां राज्य हैं।
झारखण्ड राज्य की नगरीय तथा ग्रामीण जनसँख्या :-
- झारखण्ड राज्य का नगरीय जनसँख्या 24 % हैं।
- झारखण्ड राज्य का ग्रामीण जनसँख्या 76 % हैं।
- झारखण्ड राज्य का सबसे ज्यादा नगरीय जनसँख्या धनबाद जिलें में हैं।
- झारखण्ड राज्य का सबसे कम नगरीय जनसँख्या गोड्डा जिलें में हैं।
झारखण्ड राज्य में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति जनसँख्या :-
- झारखण्ड राज्य में अनुसूचित जाति के लोगों की जनसँख्या 12 % हैं।
- झारखण्ड राज्य में अनुसूचित जनजाति के लोगों की जनसँख्या 26 % हैं।
- झारखण्ड राज्य में सबसे ज्यादा अनुसूचित जाति के लोग चतरा जिलें में निवास करते हैं। जबकि
- झारखण्ड राज्य में सबसे कम अनुसूचित जाति के लोग पाकुड़ में निवास करते हैं।
- झारखण्ड राज्य में सबसे ज्यादा अनुसूचित जनजाति के लोग खूंटी जिलें में रहते हैं।
- झारखण्ड राज्य में सबसे कम अनुसूचित जनजाति के लोग कोडरमा जिलें में रहते हैं।
जनगणना से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य :-
- इसमें झारखण्ड राज्य की वर्ष 2011 की पूरी जनगणना का विष्तृत विवरण दिया गया हैं। 2011 झारखण्ड राज्य जनगणना के महानिदेशक श्री सुनील कुमार बर्नवाल जी थे।
- भारत में जनगणना का कार्य प्रत्येक 10 वर्षो में किया जाता हैं अतः अगली जनगणना वर्ष 2021 में सम्पन्न हो जानी थी परन्तु पुरे विश्व में कोरोना वायरस की महामारी फैली होने के कारण इसमें विलम्भ हो रहा हैं।
- वर्ष 2021 में होने वाली जनगणना देश की 16 वीं जनगणना होगी और स्वतंत्र भारत की 8 वीं जनगणना होगी।
- वर्ष 2021 के जनगणना का विषय "जनभागीदारी से जन कल्याण" रखा गया हैं।
- भारत देश में जनगणना की शुरुआत :-
- वर्ष 1872 में ही भारत में पहली बार जनगणना किया गया। उस समय लार्ड मेयो भारत के वायसराय हुआ करते थे। यह जनगणना जाति आधारित नहीं थी अतः जाति आधारित जनगणना की शुरुआत वर्ष 1925 से हुई।
- वर्ष 1872 से अब तक कुल 15 जनगणनाएँ हो चुकी हैं।
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