झारखण्ड, बिहार से अलग कैसे और कब हुआ :-
बिहार राज्य बनने के बाद :-
वर्ष 1912 में बिहार राज्य के गठन के बाद बिहार को एक बहुमूल्य प्राकृतिक खजाने की चाबी मिल गयी और यह बहुमूल्य प्राकृतिक खजाना था हमारा छोटानागपुर का पठार ( आज का झारखण्ड )। बिहार एक मैदानी क्षेत्र होने के कारण यहाँ खनिज संसाधनों की भारी कमी हैं जबकि छोटानागपुर एक पठारी क्षेत्र होने के कारण यहाँ खनिज संसाधनों का भंडार स्थित हैं।
प्राकृतिक खजाने की चाबी मिलने के साथ ही इस खजाने का दोहन भी शुरू हो गया। तत्कालीन बिहार की सरकार ने इन प्राकृतिक संसाधनों को निकलना शुरू कर दिया जिससे राज्य का खजाना दिनों - दिन भरता चला गया लेकिन इसके विपरीत छोटानागपुर क्षेत्र के लोगों को इसका कोई भी फायदा नहीं मिला और असीम प्राकृतिक सम्पत्ति के मालिक होने के बावजूद भी वे पिछड़ते चले गए।
छोटानागपुर क्षेत्र एक आदिवासी बाहुल क्षेत्र और कम शिक्षित क्षेत्र होने के कारण बिहार ने कभी भी यह नहीं सोचा था कि छोटानागपुर क्षेत्र के लोग अपने अधिकार के लिए आवाज उठा सकते हैं। इसी कारण बिहार सरकार ने उद्योगों को अपने जमीन पर आने ही नहीं दिया उन्हें लगता था कि प्राकृतिक खजानों का यह क्षेत्र हमेशा उनके पास ही बना रहेगा। बिहार सरकार ने छोटानागपुर के खनिजों को मीलों दूर स्थित उद्योगों को बेच दिया।
बिहार ने उद्योगों को स्वयं से दूर रखा :-
कई बड़े उद्योगों ने बिहार के जमीन में अपने उद्योग को स्थापित करने की इच्छा जताई परन्तु बिहार सरकार ने उन्हें यह कहकर टाल दिया कि बिहार में कृषि योग्य भूमि की संख्या अधिक हैं जिसके कारण यहाँ की भूमि पर उद्योग स्थापित नहीं किया जा सकता हैं।
उद्योगों को स्वयं से दूर रखना आज की तारीख में बिहार राज्य के लिए एक बड़ी समस्या ले कर सामने आयी। यह समस्या हैं बिहार के लोगों का दूसरे राज्यों में पलायन, क्योंकि औद्योगिक क्षेत्र सीमित होने के कारण यहाँ रोजगार के अवसर भी सीमित होते चले गए।
अलग झारखण्ड राज्य की मांग :-
इन्ही सब भेदभाव के कारण ही छोटानागपुर को अलग करने की माँग प्रबल होती चली गई। जब झारखण्ड को अलग राज्य बनाने की मांग की गयी तो झारखण्ड राज्य के गठन के विरोध में बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह ने यह तर्क दिया की वित्तीय दृष्टि से छोटानागपुर क्षेत्र सदैव घाटे में रहेंगा और यही वित्तीय स्थिति इसके अलग राज्य बनने के मार्ग में सबसे बड़ी बाधा हैं। इसे सचिदानंद सिन्हा ने खोखला तर्क कहा क्योंकि इस तर्क में कोई भी सच्चाई नहीं थी।
अलग झारखण्ड राज्य की मांग को प्रबल बनाने के लिए वर्ष 1915 में छोटानागपुर उन्नति संघ की स्थापना की गयी जिसके संस्थापक थे जुएल लकड़ा।
वर्ष 1972 में शिबू सोरेन और विनोद बिहारी महतो ने झारखण्ड मुक्ति मोर्च पार्टी की स्थापना की और वर्ष 1978 को शिबू सोरेन और मार्क्सवादी कार्डिनेशन के प्रमुख एम. के. राय ने पटना में एक विशाल रैली का आयोजन किया।
वर्ष 1987 में शिबू सोरेन और बाबू लाल मरांडी ने छोटानागपुर समन्वय समिति की स्थापना की और तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह को एक ज्ञापन सौंपा जिसमे बिहार के 21 जिलों को अलग करके अलग झारखण्ड राज्य की मांग की गयी थी।
वर्ष 1989 में प्रधानमंत्री वी. पी. सिंह ने झारखण्ड राज्य के गठन की जाँच के लिए 24 सदस्यीय जाँच समिति का गठन किया जिसमें 16 सदस्य झारखण्ड आंदोलन के थे और इन लोगों को चार राज्यों बिहार , बंगाल, ओडिशा और मध्यप्रदेश भेजा गया। समिति ने अपनी रिपोर्ट 1990 में संसद को सौपा।
इसके बाद 9 अगस्त 1995 को झारखण्ड स्वायत्तशासी परिषद की स्थापना हुई थी। जिसके अध्यक्ष शिबू सोरेन और उपाध्यक्ष सूरज मंडल थे।
झारखण्ड राज्य का गठन :-
वर्ष 1999 को अलग झारखण्ड राज्य का विधेयक बिहार विधानसभा में पेश किया गया जो 25 अप्रैल 2000 को बिहार विधानसभा से पारित हुआ और 15 नवंबर 2000 को झारखण्ड, भारत का 28 वां राज्य बना।
झारखण्ड राज्य के पहले मुख्यमंत्री बाबू लाल मरांडी और राज्यपाल प्रभात कुमार बने।
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झारखण्ड राज्य से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारियाँ :-
1. झारखण्ड का क्षेत्रफल कितना
है ? 79,716 वर्ग किलामीटर
2. झारखण्ड का क्षेत्रफल देश के कुल क्षेत्रफल का
कितना प्रतिशत है ? 2.42 %
3. झारखण्ड का सबसे बड़ा
जिला कौन सा है
? राँची
4. झारखण्ड का सबसे छोटा
जिला कौन सा है
? लोहरदगा
5. क्षेत्रफल की दृस्टि से
झारखण्ड का भारत में
स्थान है ? 15 वा
6. झारखण्ड की जनसँख्या कितनी
है ? 3,29,88,134
7. झारखण्ड की जनसँख्या भारत
की कुल जनसँख्या का
कितना प्रतिशत है ? 2.72 %
8. झारखण्ड के किन जिलों
में सर्वाधिक जनसँख्या है ? रांची ,धनबाद
,गिरिडीह
9. झारखण्ड के किन जिलों
में सबसे कम जनसँख्या
है ? लोहरदगा ,खूंटी ,सिमडेगा
10. जनसँख्या की दृस्टि से
झारखण्ड का भारत में
स्थान है ? 13 वा
11. झारखण्ड का जनघनत्व कितना
है ? 414
12. झारखण्ड में सर्वाधिक जनघनत्व
वाले जिले कौन से
है ? धनबाद 1316 ,बोकारो ,रामगढ
13. झारखण्ड में सबसे कम
जनघनत्व वाले जिले कौन
से है ? सिमडेगा 159 ,लातेहार
,गुमला
14. झारखण्ड में लिंगानुपात कितना
है ? 947
15. झारखण्ड में सबसे ज्यादा लिंगानुपात
वाले जिले कौन से
है ? पश्चिमी सिंघभूम 1005 ,सिमडेगा ,खूंटी
16. झारखण्ड में सबसे कम
लिंगानुपात वाले जिले कौन
से है ? धनबाद 909 ,रामगढ
,बोकारो
17. झारखण्ड में साक्षरता प्रतिशत
कितना है ? 66.41 %
18. साक्षरता की दृस्टि से
झारखण्ड के सबसे साक्षर
जिले कौन से है
? रांची 76 %,पूर्वी सिंघभूम ,धनबाद
19. साक्षरता की दृस्टि से
झारखण्ड के सबसे कम
साक्षर जिले कौन से
है ? पाकुड़ 48 %,साहेबगंज ,गोड्डा
20. झारखण्ड का दशकीय वृद्धि
दर कितने प्रतिशत है ? 22.42 %
21. झारखण्ड के किन जिलों
में दशकीय वृद्धि दर सबसे अधिक
है ? कोडरमा ,चतरा ,गिरिडीह
22. झारखण्ड के किन जिलों
में दशकीय वृद्धि दर सबसे कम
है ? धनबाद ,पूर्वी सिंघभूम ,बोकारो
23. झारखण्ड में नगरीय जनसँख्या
कितने प्रतिशत है ? 24 %
24. झारखण्ड में ग्रामीण जनसँख्या
कितने प्रतिशत है ? 76 %
25. झारखण्ड में सर्वाधिक नगरीय
जनसँख्या किस जिले में
है ? धनबाद
26. झारखण्ड में सबसे कम
नगरीय जनसँख्या किस जिले में
है ? गोड्डा
27. झारखण्ड में अनुसूचित जाति
जनसँख्या कितने प्रतिशत है ? 12 %
28. झारखण्ड में अनुसूचित जनजाति
जनसँख्या कितने प्रतिशत है ? 26 %
29. झारखण्ड के उत्तर से
दक्षिण की लम्बाई कितनी
है ? 380 किमी
30. झारखण्ड के पूर्व से
पश्चिम की लम्बाई कितने किलो मीटर है ? 463 किमी
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